Considerations To Know About लक्ष्मी आरती

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इसके पीछे कई रहस्य छिपे हुए हैं। भगवान शिव की यह स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय भगवान विष्णु द्वारा गायी हुई मानी जाती है। कहा जाता है कि शिव शमशान में रहने वाले है, उनका रुप भयंकर और अघोरी जैसा है। लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका रूप बहुत दिव्य है। शिव को पशुपतिनाथ भी शिव आरती कहते है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सभी का अधिपति। ये स्तुति इसी कारण से गायी जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में निवास करे। शिव श्मशान में रहने वाले हैं, जो मृत्यु के भय का निवारण करते हैं।इसलिए हम चाहते है की हमारे मन में शिव निवास करें, जिससे मृत्यु का भय दूर हो।

शिव पुराण के एक दक्षिण भारतीय संस्करण में, हनुमान को शिव और मोहिनी (विष्णु का महिला अवतार) के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है, या वैकल्पिक रूप से उनकी पौराणिक कथाओं को स्वामी अय्यप्पा के मूल के साथ जोड़ा या विलय कर दिया गया है, जो दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय हैं ।

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

उनकी सहायता चाहते हैं या भगवान राम से प्रार्थना करते हैं। तुलसीदास ने यह आध्यात्मिक उम्मीदवारों को

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥..

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शिव आरती : ॐ जय शिव ओंकारा – shiv aarti lyrics, jai shiv omkara aarti

हनुमान जी तो संकट मोचक या कष्ट निवारक कहते हैं। अगर आप किसी संकट या कर्जे में फंसे हैं तो हनुमान स्तुति का पाठ नियमित तौर पर कर के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। हनुमान स्तुति का सच्चे मन से पाठ करने से धन, संपत्ति, सुख, वैभव, मान-सम्मान प्राप्त होता है और घर-आंगन में सुख-शांति बनी रहती है।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

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